बिहार बोर्ड हिंदी Class 10th
Crash Course Set-5
Mvvi Subjective Question
पढ़े वही जो बोर्ड परीक्षा में आए
1. सीता का चरित्र चित्रण करें ?
उत्तर :- सीता धरती कब तक घूमेगी शीर्षक कहानी के मुख्य पात्र हैं। उनके तीन बेटे हैं। जब उसके पति के मृत्यु हो जाती है। तो उसके घर के इस स्थिति दयनीय हो जाती है। तीनों बेटे मां के भरण पोषण के लिए एक एक महीने का पाली बनाता है। तीनो बहु उसे जली खूंटी सुनाती रहती है। सीता चुप चाप इन सब का सहन करती हैं। लेकिन उनका मन पूरी तरह से उड़ जाता है। तब वह एक रात बिना किसी को बताए अपने घर से चली जाती है। वह सोचती है की कोई भी काम कर अपना पेट पाल लेगी लेकिन अपने बेटे और बहू के आगे हाथ नहीं खिलाएगी। इस प्रकार सीता एक स्वाभिमानी आत्मविश्वास और कर्म कुशल भारतीय नारी का प्रतिनिधित्व करती है।
2. बल्लि अम्माल का चरित्र चित्रण करें?
उत्तर :- बल्लि अम्माल नगर शीर्षक कहानी का मुख्य पात्र है। वह एक विधवा नारी है। जो अपने बीमार बेटी के इलाज कराने के लिए गांव से शहर आई है। पढ़ी-लिखी नहीं होने के कारण उसकी बेटी अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाती है। बेटी की बीमारी से चिंतित बड़ी अम्मा अंधविश्वास में डूब जाती है। डॉक्टर से उसका विश्वास खत्म हो जाता है। झाड़ फुक करवाने के लिए चली जाती हैं। इस प्रकार इस कहानी से यह सिद्ध होता है। कि अशिक्षा अंधविश्वास को बढ़ावा देती हैं।
3. नेताओं के बारे में कविवर प्रेमधन की क्या राय है?
उत्तर :- आज देश के नेता, देश के मार्गदर्शक भी स्वदेशी वेश-भूषा, बोल चाल से परहेज करने लगे हैं। अपने देश की सभ्यता संस्कृति को बढ़ावा देने के बजाय पाश्चात्य सभ्यता से स्वयं प्रभावित है।
4. कवि जनता के स्वप्न का किस तरह चित्र खींचता है?
उत्तर :- भारत की जनता सदियों से यूगों-युगों से राजा के अधीनस्थ रही है लेकिन कवि है कि चिरकाल से अंधकार में रही जनता राजतंत्र को उखाड़ फेंकने के स्वप्न देख रही है राजतंत्र समाप्त होगा और जनतंत्र कायम होगा राजा नहीं बल्कि प्रजा राज करेगी।
5. शानदार लबादा किसका गिर जाएगा, और क्यों?
उत्तर :- कवि के अनुसार भारत महिमा भक्तों की आस्था में निहित होता है भक्त भगवान का दृढ़ाधार होता है। लेकिन जब भक्त रूपी आधार नहीं होगा तो स्वाभाविक है कि भगवान की पहचान भी मिट जाएगी भगवान का लबादा अथवा चोगा गिर जाएगा।
6. समस्त भूमंडल में सर्वविद् सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण देश भारत है। लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ?
उत्तर :- मैक्समूलर ने भारत को सर्वविद् संपदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण देश कहा है लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि भारत में किसी भी संपदा अन्य देशों की तुलना में कमी नहीं है और भारत की सौंदर्य भी बहुत ही आकर्षक है यहां के इतिहास, रहन-सहन ,रीति-रिवाज ,भाषा साहित्य को देखकर जो आनंद प्राप्त होता है इसलिए लेखक ने समस्त भूमंडल में सर्वेद संप्रदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण देश भारत को माना है।
7. मैं मनुष्य के नाखून की ओर देखता हूॅं तो कभी कभी निराश हो जाता हूॅं ?
उत्तर :- मनुष्य की भयंकर पाशवी वृत्ति के जीवंत प्रतीक नाखून है लेकिन अगर नाखून काटना मानवीय प्रवृत्ति और नाखून बढ़ना पाश्विक प्रवृत्ति है तो मनुष्य पाश्विक प्रवृत्ति को अभी भी अंग लगाए हुए हैं लेखक कभी-कभी यह सोचकर निराश हो जाते हैं कि यह नाखून पाश्विक प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाले हैं। क्या हम पुनः नखावलंबी तो नहीं बन जाएंगे यही सोच कर लेखक निराश हो जाते हैं।
8. नागरी लिपि पाठ का सारांश लिखें?
उत्तर :- नागरी लिपि यह एक निबंध है। जिसका लेखक गुणाकर मुले जी हैं । गुणाकर मुले का जन्म 1935 ईस्वी में महाराष्ट्र के अमरावती जिले के गांव में हुआ था। इसके माध्यम से लेखक कहते हैं । कि हिंदी मराठी तमिल जेवारी आदि भाषाएं नागरी लिपि में लिखी जाती है। संस्कृत और प्राकृत की पुस्तक भी देव नागरी में ही प्रकाशित होती है। बांग्ला लिपि भी प्राचीन नागरी लिपि की बहन है। लेखक कहते हैं कि अधिकतर लिपि दक्षिण भारत से ही लिखी जाती है। नागरी लिपि को देवनागरी लिपि एवं नंदीनागरी लिपि भी कहते हैं। गुप्तों की राजधानी पटना भी देवनगर थी इसी के आधार पर उत्तर भारत की लिपि को देवनागरी लिपि का नाम पड़ा होगा। नागरी शाब्द किसी बड़े नगर से संबंधित हैं। लेखक का कहना है कि देश के काशीनगर को देवनगर कहा जाता था सम्भवतः काशी में ही इस लिपि का नाम देवनागरी लिपि रख दिया गया होगा। इस प्रकार यह लिपि 8 वीं सदी से 11 वीं सदी के बीच सम्पूर्ण भारत में व्याप्त थी। हिन्दी साहित्य के आदि कवि ”सरहपाद” ने 8 वीं सदी में लोहा कोश लिखा था। जिसका हस्तलिपि तिब्बत से मिला हैं। 12 वीं सदी में संपूर्ण उत्तर भारत में देवनागरी लिपि का प्रयोग होता था। इस प्रकार कहा जाता है कि सम्पूर्ण भारत की एवं सबसे प्राचीन लिपि नागरी (देवनागरी) ही है।
9. लेखक को क्यों लगता है कि नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था ?
उत्तर :- लेखक के बड़े भाइयों के घर नौकर थे जिसके कारण उसकी भाभियां महारानी बनकर बैठी रहती थी उसके विपरीत लेखक की पत्नी निर्मला भर दिन काम करते करते परेशान रहती थी और निर्मला की तबीयत भी ठीक नहीं रहती थी इसलिए लेखक को एक नौकर रखना जरूरी हो गया था क्योंकि उसने दूसरों के घर पर नौकरों का आनंद देखा था।
10. अपने विवाह के बारे में बिरजू महाराज क्या बताते हैं ?
उत्तर :- जब बिरजू महाराज 18 वर्ष के थे तब उनकी मां ने उनकी शादी कर दी मां सोची थी कि उसके पिता तो उसका शादी ना देख सका कम-से-कम मैं तो देख लू बिरजू महाराज को लगता था कि मां का निर्णय गलत था शादी के कारण उसकी जिम्मेदारी बढ़ गई थी जिसके कारण उसको नौकरी करना पड़ा नहीं तो कुछ और भी संभावना हो सकती थी।
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11. मनुष्य जीवन से पत्थर की क्या समानता और विषमता है ?
उत्तर :- पत्थर संवेदना था चिंतन का अभाव होता है। जबकि मनुष्य संवेदना सील और चिंतनशील होता है। मनुष्य में सजीव का चिंतन शक्ति होता है मनुष्य में सजीवता चिंतन शक्ति और अनुभव करने की क्षमता होती है जबकि पत्थर निर्जीव असंवेदनशीलता और जड़ पदार्थ होता है लेकिन जब कवि पत्थर का मानवीकरण करता है। तो पत्थर की सजीव हो जाता है। तब मनुष्य और पत्थर में समानता आ जाती है।
12. पिताजी किससे नाराज थे और क्यों ?
उत्तर :- पिताजी लेखक(नरेन) से नाराज थे क्योंकि बच्चे मछली के चलते स्वयं परेशान रहे साथ ही भग्गू को भी परेशान किया बच्चे मछली को पालना चाहते थे मछली को काटते देखकर बच्चे का मन विह्वल हो उठा हर बच्चे एक मछली को लेकर भाग गया जिसे भग्गू को भी बच्चे के पीछे भागना पड़ा छीना झपटी की स्थिति आई पिताजी हरकतों के कारण नाराज हुए।
13. मदन और डॉक्टर के बीच विवाद के द्वारा क्या बताना चाहता है?
उत्तर :- मदन और डॉक्टर के बीच का विवाद के माध्यम से कहानीकार यह बतलाना चाहता है कि जनसाधारण भी वैसा बन जाता जैसा कि उसकी संगति होता है डॉक्टर सेन साहब का नमक खाता है इसलिए सेन साहब के बेटे की बदमाशी की और नजर अंदाज कर देता है लेकिन एक दूसरा बच्चा को यदि गाड़ी छूने की ललक हो तो उसे धक्के दिया जाता है उल्टे उस पर गलत आरोप लगा देता है।
14. सेन साहब, मदन, काशू और गिरधर का चरित्र चित्रण करें।
उत्तर :- हमारे दृष्टि से कहानी का नायक काशू है। क्योंकि सेन दम्पत्ति काशू के प्रति स्वप्न देखते हैं। काशू के दुर्लिलत भाव के कारण ही सेन साहब की गाड़ी की बत्ती टूटती है। सेन मित्रों के गाड़ी की हवा निकाली जाती है।काशू के कारण ही निर्दोष गिरधर नौकरी समाप्त हुई है। काशू के नटखट स्वभाव के कारण ही सेन साहब को मित्रों के बीच मन मसोस कर रह जाता है तथा काशू के लाड़ प्यार के सामने सेन साहब की पुत्रियां कुछ भी नहीं है काशू के ही दांत भी टुटते है जिसे ”विष के दांत” की संज्ञा दी गई है।
15. लेखक ने नितिकथाओं के क्षेत्रों में किस तरह भारतीय अवदान को रेखांकित किया है ?
उत्तर :- लेखक ने कहा है कि नीतिकथा ओं के अध्ययन क्षेत्र में भी भारत के कारण नवजीवन का संचार हो चुका है क्योंकि भारत के कारण ही समय-समय पर नानाविध साधनों और मार्गों के द्वारा उनके नीति कथाएं पूर्व से पश्चिम की ओर आती रही है।