12th Hindi 10 Super Mvvi Subjective
क्लास 10 वीं
Hindi = हिन्दी
Mvvi Subjective Question
05 फ़रवरी को यही आयेगा
1. डायरी क्या है?
उत्तर :- डायरी वह साहित्य है। जो प्रतिदिन की घटनाओं एवं अनुभवों का वर्णन होता है। डायरी व्यक्ति के जीवन का दर्पण है। लेखक मलयज के अनुसार डायरी का लिखा जाना एक कठिन कार्य है। यह वही व्यक्ति लिख सकता है। जिसका जीवन नियमित एवं संयमित है। डायरी आलसी, लापरवाह, लक्ष्य विहीन, दिशाहीन व्यक्ति नहीं लिख सकता है। इसमें मलयज यह भी बताया है। कि आदमी अर्थात को जीता ही नहीं, अर्थात को रचता भी है। रचने और भोगने का रिश्ता द्वंदात्मक होता है।
2. वसुंधरा भोगी-मानव और धर्मार्थ मानव एक ही सिक्के के दो पहलू है। व्याख्या करें?
उत्तर :- प्रस्तुत पंक्ति हमारे हिंदी साहित्य की पाठ्यपुस्तक दिगंत पाठ के ओ सदानीरा शीर्षक से लिया गया है। इसके लेखक जगदीश चंद्र माथुर है। इस वाक्य में कवि ने गंडक नदी के किनारे स्थित वनों के विनाश के लिए मानव की भोगवादी तथा धर्मार्थ प्रवृत्ति को बताया है। कवि कहते हैं। कि मानव की यह प्रवृत्ति होती है। कि वह पृथ्वी पर एकत्र साम्राज्य स्थापित करें। तथा इसके लिए वह दिन-रात प्रयास में लगा रहे तथा इसके लिए वह मानव मर्यादा को भी दांव पर लगा देता है। तथा स्वयं को सबसे बड़ा धर्मार्थ सिद्ध करने का प्रयास करता है।
3. उषा का जादू कैसा है?
उत्तर :- उषा का रंग-रूप मादक है उसका आगमन और भी अधिक मदभरा है। चारों ओर हलचल मचा देता है। और उसका प्रभाव भी विलक्षण है। उसके जादू का ही प्रभाव है। कि नील शंख के समान दिखाई देता है। कभी वही आकाश दिखाई देता है। मानो राख से लिपा हुआ गिला चौका हो अथवा लाल केसर के, जल से धुली कोई काली सिल हो अथवा किसी स्लेट पर लाल खरिया पुत्त दी गई हो। यह उषा का ही प्रभाव है। कि वह अपना जादू भरी प्रभावी ढंग से बिखेर देती है। और यह वह सब सूर्योदय से पूर्व ही करती है।
4. कृष्ण खाते समय क्या-क्या करते हैं?
उत्तर :- कृष्ण खाते समय, नन्द बाबा की गोद में बैठे हैं। और अपने हाथ से उठा-उठाकर खा रहे हैं। वह थोड़ा सा खाते हैं। और अधिक धरती पर गिरा देते हैं। वह भोज्य पदार्थों को अपने हाथ से उठाते हैं। अनेक पदार्थ उनके सामने रखी रहती है। पर दही उनको सर्वाधिक प्रिय है। वह जब मिश्री, दही, मक्खन, मिलाकर अपने मुंह में डालते हैं। तो उस समय शोभा देखने की कुछ ही मिलती है।
5. गांधी जी ने झोपड़ी कहां बनाई थी।
उत्तर :- सन 1917 में पुंडलिक जी को गांधी जी ने बेलगांव से भितिहारवा बुलाया था। आश्रम में रहकर बच्चों को पढ़ाने और ग्राम वासियों के दिल का भय दूर करने के लिए पुंडरीक जी ने वह कमरा दिखाया। जहां बैठकर गांधीजी काम करते थे। और वह मेज जिस पर उन्होंने चिट्टियां लिखी थी। एक मठ के निकट, एक आश्रम है। गांव में गांधीजी को आश्रम देने की किसी को हिम्मत नहीं थी मठ के महंत ने एक महुआ के पेड़ के नीचे जगह दी। गांधी जी ने वही खटिया बिछा ली और बाद में एक झोपड़ी बनाई जिसमें डॉक्टर देवा आ कर रहने लगे। और आश्रम चलाते रहे। उस झोपड़ी को अहमद साहब के कर्मचारियों ने जला दिया बाद में वह खपरैल का भवन बना जो अब भी कुछ मलिक अवस्था में है।
6. “जूठन” शीर्षक सार्थक है?
उत्तर :- यह शीर्षक “ओमप्रकाश वाल्मीकि” द्वारा लिखा गया “जूठन” पाठ से लिया गया है। जिसमें जूठन परिवार की व्याख्या की है। जूठन में यह व्याख्या हुआ है। कि किसी भी परिवार में शादी, विवाह आदि मैं उसे झूठा प्राप्त होता था। और उसी पूरी को सुखाकर ठंडी के मौसम में बड़े चाव से खाते थे। यह उन जैसे हजारों परिवारों का तत्कालीन दुर्भाग्य ही था। इस दृष्टि से यह शीर्षक सार्थक है।
7. जयप्रकाश नारायण किस प्रकार का नेतृत्व देना चाहते थे।
उत्तर :- प्रस्तुत पंक्ति जयप्रकाश नारायण द्वारा रचित संपूर्ण क्रांति पाठ से लिया गया है। यह एक प्रकार का भाषण है। जिसमें वह साफ-साफ कहते हैं। की उन्हें नेता नहीं बनना है। मुझे यह भी मंजूर नहीं कि कोई मुझे डिटेक्ट करें। कि जयप्रकाश नारायण तुम्हें यह करना है। साथ ही साथ उन्हेंने एक और सलाह दिया। सभी का बात सुनेंगे, बात समझेंगे, सबकी बात में सुनूंगा, छात्रों की बात जितना भी ज्यादा होगा, जितना भी समय मेरे पास होगा समझूंगा, उनसे बहस करूंगा और अधिक से अधिक उनकी बात भी स्वीकार करूंगा जन संघर्ष समितियों की भी बात सुन लूंगा पर फैसला मेरा ही होगा सबको आज्ञा माननी होगी। तभी इस नेतृत्व का कुछ मतलब होगा।
8. छात्रसाल का तलवार कैसा है। वर्णन कीजिए?
उत्तर :- छात्रसाल की तीक्ष्ण धारवाली चमचमाती तलवार जब म्यान से निकलती थी। तो वह प्रलय के सूर्य की तीव्र किरण के समान प्रतीत होती है। वह शत्रु दल के हाथों को उसी प्रकार विदीर्ण कर देती है। जिस प्रकार रवि की किरण सघन अंधकार को विदीर्ण कर देती है। तीव्र गति से चलने वाली यह तलवार शत्रु को कंठ पर लपक कर नागिन से लिपट जाती है। और देखते ही देखते हैं। उन्हें मुंडी को धड़ से अलग कर देती है।
9. तुलसी को किस वस्तु की भूख है?
उत्तर :- तुलसी मात्र यही चाहते हैं। कि सीता माता थोड़ी उनकी सिफारिश कर दें। पर यह ध्यान रहें। कि आप मेरी सिफारिश तभी करें। जब अवसर अनुकूल हो प्रभु। श्री राम प्रसन्न चित्त हो और प्रायः अकेले हो। वे यह भी पूछेंगे कि यह कौन है। तो यह बता देना कि मैं दीन-हीन हूं। और उन्ही का नाम लेकर उदर भरता हूं।
10. “धनी सो पुरुष जस कीरति जब । फुल मरै पै मरै न बासू” व्याख्या
करें
उत्तर :- प्रस्तुत पंक्ति मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा रचित कड़बक पाठ से लिया गया है। इसमें मलिक मोहम्मद जायसी यह भी कहते हैं। कि रत्नसेन और पद्मावती की चर्चा करते हुए। जायसी यह संकेत करते हैं। कि पुष्प श्रेष्ठ है। जिसकी कीर्ति महान होती है।
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