History (इतिहास)
Class 12th बोर्ड परीक्षा 2024
5 Mvvi Long Subjective
100% यहीं प्रश्न बोर्ड में पूछेगा
1. हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना प्रणाली की विवेचना करें।
उत्तर :- हड़प्पा सभ्यता एक नगर सभ्यता था। जिसका खोज 1921 ई. वी. में दयाराम साहनी ने किया था। हड़प्पा सभ्यता की को सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है। हड़प्पा सभ्यता शहरी सभ्यता था। क्योंकि यहां से एक नियोजित शहर के अवशेष प्राप्त हुआ है। जो तत्कालीन विश्व में कहीं नहीं थे। सिंधु घाटी के निवासी रहने के लिए नगर बसाए थे। वे नगर स्थापना के लिए बड़े कुशल थे। उन्होंने हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल और रोपड़ जैसे अनेकों नगर का निर्माण किया। नगर की विशेषताएं उल्लेखनीय है। जैसे:- सड़क व्यवस्था, जल निकास प्रणाली, स्नानागार, आनानागार ये सभी नगरों की विशेषताएं थी। साथ ही साथ नगरों के सफाई के लिए विशेष ध्यान रखा जाता था।
2. 1857 की क्रांति के कारणों की विवेचना करें?
उत्तर :- 1857 की क्रांति का मुख्य कारण इस प्रकार हैं :-
1857 की क्रांति ब्रिटिश के खिलाफ प्रथम विद्रोह था। इसकी शुरुआत 10 मई को मेरठ के बैरकपुर छावनी में वीर सिपाही मंगल पांडे के द्वारा किया गया था। यह आंदोलन सीमित क्षेत्रों में ही हुआ था अतः पूर्ण रूप से व्यापक नहीं हुआ था। आंदोलन इन जगहों पर हुआ था। जैसे अवध, कानपुर, बिहार जैसे राज्यों में हुआ। लेकिन लोगों ने सिर्फ अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए युद्ध किया।
1857 की क्रांति का मुख्य कारण
राजनीतिक कारण :- 1857 की क्रांति में लॉर्ड डलहौजी की हड़प नीति ने भारतीयों में आक्रोश पैदा कर दिया। हड़प नीति के अंतर्गत किसी भी राजा का अपना कोई संतान नहीं होने पर उसके राज्य को ब्रिटिश अपने राज्य में विलय कर लेते थे। अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह को अयोग्य बताकर ब्रिटिश ने सिंहासन ले लिया और अपने राज्य में विलय कर लिया।
आर्थिक कारण :- विद्रोह के अंतर्गत कर में अत्याधिक वृद्धि कर दी गई उद्योगों को नष्ट कर दिया गया एवं आपातकाल की स्थिति में ब्रिटिश कर को और बढ़ा दिया गया तब आर्थिक अभाव हो गया।
सामाजिक कारण/धार्मिक :- 1857 के विद्रोह के समय कुछ ब्रिटिश अधिकारी सामाजिक अच्छे कार्य किए जैसे बेंटिक के द्वारा सती प्रथा समाप्त करना, कैनिंग के द्वारा विधवा पुनर्विवाह को रोकने पर बल दिया । 1857 की क्रांति के अंतर्गत क्रिश्चिन लोगों को बहुत ही छूट दी गई एवं ईसाई को बढ़ावा दिया गया। जिससे भारतीयों में रूढ़िवादी विचार उत्पन्न हो गया।
सैनिक कारण :- भारतीय सैनिकों को निम्न पदों, कम वेतन, प्रमोशन न मिलना एवं समय अवधि से अधिक कार्य करवाना जबकि ब्रिटिश की अन्य पद, अधिक वेतन, प्रमोशन मिलना, कम कार्य करवाना ऐसी स्थिति देखकर भारतीय न खुश हो गया और अपने हक की लड़ाई के लिए तैयार हो गया।
तत्कालीन कारण :- 1856 ई. वी. में सरकार ने सैनिक से पुराने बंदूक वापस मांग लिया और उसके स्थान पर एक नए बंदूक दिए थे। जो गाय और सुअर की चर्बी से बना हुआ था। भारतीय सैनिकों ने इसे इस्तेमाल करने से इंकार कर दिया। लेकिन वही बंदूक दिया इससे भारतीय सेना में असंतोष पैदा हुए और यह सबसे बड़ा कारण था।
3. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भीमराव अंबेडकर के योगदान का वर्णन करें?
उत्तर :- आधुनिक भारत के निर्माण में भीमराव अंबेडकर का योगदान काफी महत्वपूर्ण था। बचपन से ही तीव्र बुद्धि वाला एवं भविष्य के भारत स्वर्णिम स्वप्न सजाने वाले भीमराव अंबेडकर ने समाज की व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किया। फलतः 1930 ई. वी. तक डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रसिद्ध राष्ट्रीय स्तर तक फैल गई और वह अछुट्टी,कमजोर और दलितों के नेता बन गए।
भीमराव अंबेडकर द्वारा किया गया कार्य
(i) उन्होंने प्रथम गोलमेज कांफ्रेंस में दलित की दशा का सही चित्रण किया। उन्होंने उनके अलग मताधिकार की मांग भी किया।
(ii) डॉ आंबेडकर ने जुलाई 1924 में बहिष्कृत हित कारिणी सभा मुंबई में बनाई। जिसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक उत्थान करना था।
(iii) उन्होंने अछूतों के लिए मंदिर में प्रवेश और कुआं से पानी भरने की व्यवस्था की। अंबेडकर को भारतीय संविधान का पिता माना जाता है। उन्होंने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में पूर्ण रूप से संविधान लिख डाला।
4. महावीर की जीवनी एवं उपदेशों का वर्णन करें?
उत्तर :- महावीर का जन्म 540 ई. पूर्व के कुंडलग्राम के वैशाली नगर में हुआ। महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था। महावीर के पिता का नाम सिद्धार्थ था। जो ज्ञातक कुल के सरदार था। माता त्रिशला लिच्छवी राजा चेतक की बहन थी। महावीर की पत्नी का नाम यशोदा और पुत्री का नाम अनोज्या प्रियदर्शीय था। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर था। जिसका प्रतीक चिन्ह सिंह था। कुछ समय बाद अपने माता पिता के मृत्यु के बाद 30 वर्ष की अवस्था में अपने बड़े भाई नंदी वर्धन से अनुमति लेकर संयास ले लिया।
महावीर स्वामी के उपदेश इस प्रकार है :-
महावीर स्वामी ने पांच उपदेश दिया है। जिसे पंचमहाव्रत भी कहते हैं
(i) सत्य बोलना :- महावीर स्वामी के अनुसार किसी भी व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए। हमेशा सत्य बोलना चाहिए।
(ii) अहिंसा करना :- महावीर स्वामी के अनुसार हमें अपने जीवन में कभी भी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। कभी भी जीव की हत्या नहीं करना चाहिए। ये लोग इतना हिंसा का पालन करते हैं। कि यह लोग वस्त्र भी धारण नहीं करते हैं। मुछ भी नहीं बनाते हैं। और हमेशा अपने मुंह को कपड़ा से बांध कर रखते हैं क्योंकि इसे लगता है कि हमारे सांसो से हवा में जीवित प्राणी होते हैं। वह मारे न, छोटे-छोटे जीवो को भी हानि नहीं पहुंचाना चाहते हैं।
(iii) अस्तेय :- महावीर स्वामी के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कभी भी चोरी नहीं करना चाहिए।
(iv) अपरिग्रह :- महावीर स्वामी जी के अनुसार अपने जीवन में उतना ही कमाओ जिससे जीवन चल पाए धन इकट्ठा नहीं करना चाहिए।
(v) ब्रह्मचार्य :- महावीर स्वामी जी के अनुसार हमें गृहस्थ जीवन जी करके सन्यास ग्रहण करना चाहिए अर्थात किसी स्त्री के लोभ में नहीं आना चाहिए।
5. भारत छोड़ो आंदोलन पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर :- भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के द्वारा चलाया गया अंतिम राष्ट्रीय आंदोलन है इस आंदोलन का मूल्य कारण भारतीयों से बिना पूछे भारत को दूसरे विश्व युद्ध में धकेलना तथा क्रिप्स मिशन की असफलता थी इसके साथ ही दूसरे महायुद्ध के कारण वस्तुओं की कीमत में वृद्धि होती जा रही थी तो वही आवश्यक वस्तु बाजार में उपलब्ध न होने से आक्रोश था इसी के फलस्वरूप गांधी जी 8 अगस्त 1942 में कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गवालियर टैंक से आंदोलन की बिगुल फूंक दिया आंदोलन प्रारंभ होने के अगले दिन ही अंग्रेज ने ऑपरेशन जीरो आवर के तहत गांधी सहित सभी प्रमुख नेता को गिरफ्तार कर लिया और आंदोलन के समय गांधी को आगा खा प्लेस में, राजेंद्र प्रसाद को बांकीपूर जेल में तथा जयप्रकाश नारायण को हजारीबाग जेल में रखा गया था। जहां से जयप्रकाश नारायण भाग निकले और गुप्त रखकर आंदोलनकारियों का नेतृत्व किया। इस आंदोलन में सबसे अहम भूमिका अरुण आसफ अली ने निभाई क्योंकि उन्होंने भूमिगत रेडियो के द्वारा आंदोलनकारियों का उत्साह बढ़ाया इस आंदोलन में गांधी ने “करो या मरो का नारा” दिया था। इस आंदोलन के बाद अंग्रेजों ने भारत को छोड़ने के लिए निश्चित कर लिया तथा हमारा भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया।
कैसा लगा ज़रूर कमेंट के माध्यम से बताए
aaj ka post bahut hi majedar tha esa post or daliye please